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Showing posts from November, 2016

Finally Found

कभी तो वक़्त ठहरा होगा जो तुम मिले क्या मुहब्बत की ओस गिरी होंगी जो तुम मिले या खिंचती हुई पवनों ने छुआ था जो तुम मिले समय की उस अबूझ पहेली में कोई तो बात थी जो तुम मिले धीमी सी दिल की धकधक में कुछ तो था जो तुम मिले तेरी पलकों के इशारे कुछ तो कह रहे थे जो तुम मिले कुछ तो जोड़ रहा था तेरे दिल को मेरे दिल से जो तुम मिले अब तुम ही बताओ इन इशारों की सदायें.. ये साजिश है या इत्तेफ़ाक जो तुम मिले सिर्फ तुम मिले ?.....Heartbeat