मेरे रग रग में ,
तेरी ही रवानी है |
मेरी हर नब्ज़ बस,
तेरी ही दीवानी है ||
तेरी ही रवानी है |
मेरी हर नब्ज़ बस,
तेरी ही दीवानी है ||
होठों पे तेरा नाम,
आँखों में तेरा ही पानी है |
मेरा हर गीत बयां करता,
बस एक तेरी कहानी है ||
आँखों में तेरा ही पानी है |
मेरा हर गीत बयां करता,
बस एक तेरी कहानी है ||
मेरे मन मंदिर में बसा ,
एक तेरा नाम रूहानी है |
तेरी हर इक बात,
याद मुझे जुबानी है ||
एक तेरा नाम रूहानी है |
तेरी हर इक बात,
याद मुझे जुबानी है ||
लगता है क्यों मुझे ,
तुझ संग प्रीत पुरानी है |
अगर में तेरा दीवाना हु ,
तो तू मेरी दीवानी है ||
तुझ संग प्रीत पुरानी है |
अगर में तेरा दीवाना हु ,
तो तू मेरी दीवानी है ||
चलता रहूँगा साथ तेरे,
जैसे पर्वतों से बहता पानी है |
छोडूंगा न तनहा कभी ,
चाहे छूटे ये जवानी है ||
जैसे पर्वतों से बहता पानी है |
छोडूंगा न तनहा कभी ,
चाहे छूटे ये जवानी है ||
फूलों की खुशबू लाती,
तू लहर सुहानी है ,|
रात की चांदनी से ज्यादा ,
तेरा चेहरा नूरानी है ||
तू लहर सुहानी है ,|
रात की चांदनी से ज्यादा ,
तेरा चेहरा नूरानी है ||
ज़मी से फलक की, बस
तू एक रानी है ||
बच्चों की बीच बच्ची,
और बड़ो में सयानी है ||
तू एक रानी है ||
बच्चों की बीच बच्ची,
और बड़ो में सयानी है ||
मुझे बस अपने प्यार की ,
अनुभूति तुझे करानी है |
मेरी दिल में बसी तेरी सूरत,
बस तुझे दिखानी है ||
अनुभूति तुझे करानी है |
मेरी दिल में बसी तेरी सूरत,
बस तुझे दिखानी है ||
तू करती है मुझसे इतना प्यार ,
की तेरा न कोई सानी है |
शिव की प्रेम प्रतिज्ञा में,
अग्नि में जली भवानी है ||
की तेरा न कोई सानी है |
शिव की प्रेम प्रतिज्ञा में,
अग्नि में जली भवानी है ||
स्वप्न में आये तेरे हर रूप को ,
कविता में बनानी है |
पर मुझसे दूर जाती तेरी वो,
तसवीर मुझे जलानी है ||
कविता में बनानी है |
पर मुझसे दूर जाती तेरी वो,
तसवीर मुझे जलानी है ||
स्वर्ग से उतरकर भी ,
न कोई तेरे जैसी आनी है |
अगर में रोमियो हू तो, तू
मेरी जूलिएट पुरानी है ||
न कोई तेरे जैसी आनी है |
अगर में रोमियो हू तो, तू
मेरी जूलिएट पुरानी है ||
तेरी मेरी ये एक ,
अमर कहानी है, |
में तेरा दीवाना हूँ,
और तू मेरी दीवानी है ||
अमर कहानी है, |
में तेरा दीवाना हूँ,
और तू मेरी दीवानी है ||
By AST
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