तुमसे बिछड़ कर जीन के लिये जिंदगी कब तैयार हुई।..
सिर्फ जुदा होन के खयाल से आंखें मेरी नम बार-बर हुई ....मान लु में कैसे ये ? के एक दीन जुदा हो जायेंगे हम ....तुजसे जुदा हो जाऊ तो जिंदगी की वो सबसे बड़ी हार हुई ....वो एक दुन्दला सा खवाब जीस की कोई सूरत नही ....अपनी मजबूरियॉ की मोहब्बत में सबसे बडी कोई दीवार हुई ....मोहब्बत भी वकत-बेवकत मांगती है गावाही अपने होने की ....वर्ना इस दौर मै भी , मोहब्बत भी नीलाम सर-ई-बाज़ार हुई ....ये तो वक़्त ही तय करेगा। कितनी मोहोलट दे हमे।तेरे दो पल के मिलने मै भी पतझड़ की जैसे बहार हुई ....तेरी मोहब्बत को बया कर पाना नामुमकिन है मेरे लिय ....पर तू साथ हो तो जिंदगी की हर खुशियाँ मेरी यार हुई ....
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